How to be discipline in your work| अपने काम में discipline कैसे रखें

How to be disciplined in your work|अपने काम में अनुशासन कैसे लाएं | Self discipline in hindi for success

Stop Giving Excuses

Excuses हंमेशा हमारे दिमाग के comfort zone में पड़े रहते हैं।

जब भी हम कोई new challenge या opportunity को accept करने के बारे में सोचते हैं तो तुरंत ही सबसे पहले हमारे दिमाग में तरह-तरह के excuses create होने लगते हैं। और "हम अपने किसी भी goal को हासिल नहीं कर सकते" इस तरह के फ़िज़ूल के beliefs के पीछे facts तैयार करने लगते हैं।



Excuses बनाना एक तरह आपके दिमाग को और आपको धोखा देने का तरीका है जो आपको पूरी तरह खोखला बना सकता हैं, एक दम hopeless बना सकता हैं। यहाँ तक की जीवन में आप जिन चीज़ों को चाहते हैं उनका पीछा करना तक छोड़ देते हैं।

रोनाल्डो कहते हैं कि पिछले 15 सालों में मेरे खेल का स्तर सर्वोत्तम रहा है लगातार अपना Top परफॉर्मेंस देने का मतलब है कि आपके पास गलती करने का स्कोप केवल 0.1% होता है आपको ट्रेनिंग, डाइट, ईमोशन सब एक निशाने पर रखना होता है। रोनाल्डो कहते हैं कि मैं मानता हूं कि मैं अच्छा खेलता हूं लेकिन मेरी असली ताकत है मेरा मन है, मैं कभी भी इसका फोकस हिलने नहीं देता मैं हमेशा अपने मन और शरीर को अपने objective की तरह फोकस में रख सकता हूं मेरे मन में जीतने के अलावा और अपने आप को बेहतर करने के अलावा और कोई विचार आता ही नहीं।


दोस्तों आप अपने मन में असीम विचार पैदा कर सकते हो, एक के बाद एक लगातार इनमें खोए रह सकते हो लेकिन discipline of focus कहता है कि आप अपने मन को एक लक्ष्य की तरफ केंद्रित कर लेते हो और उसकी सफलता और उसमें लगने वाली मेहनत के अलावा किसी और तरह के विचार मन में आने ही नहीं देते।






रेस्क्यूटाइम सर्वे के अनुसार केवल 3% प्रोफेशनल लोग हर दिन अपने द्वारा बनाए गए goal को पूरा कर पाते हैं इस बात से साफ होता है कि goal पुरा करने का discipline आपको कितनी आसानी से भीड़ से अलग कर सकता है। आप खुद ही सोचो अगर आप हर दिन अपने रोजाना के goal ईमानदारी से पूरा करने लगे तो आपकी परफॉर्मेंस किस लेवल पर पहुंच जाएगी गोल बनाना तो आसान है लेकिन पूरे करने में अलग discipline लगता है।

मान लो कि आज मेरा काम है कि मुझे 5000 शब्द लिखने हैं मुझे पता है कि हर ढाई घंटे में मुझे कम से कम 1340 शब्द लिखने हैं इसमें मैं 4 घंटा 20 मिनट काम कर सकता हूं और आधा घंटा ब्रेक ले सकता हूं तभी मैं जाकर करीब 9 घंटे 30 मिनट में अपना objective पूरा कर सकता हूं और अगर मैं हर 3 घंटे में अपनी प्रोग्रेस ट्रैक ना करूं तो मैं यह टारगेट पूरा नहीं कर पाऊंगा।



Goal बनाना आसान है लेकिन अगर आपको पता नहीं है की आप प्रोग्रेस को कैसे ट्रैक करेंगे तो आप कभी गोल पुरा नहीं कर पाएंगे। phelps कहते हैं कि मेरे लिए सक्सेस का मतलब है गोल को पूरा करते जाना वे कहते हैं मैं और मेरे कोच ट्रेनिंग और विजुलाइजेशन से छोटे छोटे goals बनाते थे और हर गोल्स का पीछा करते थे जब तक वह पूरा ना हो जाए।



इस discipline में एक बात छिपी हुई है जब तक आपके पास गोल्स तक पहुंचने का प्रोसेस नहीं है तब तक आप प्रोग्रेस को भी ट्रैक नहीं कर पाएंगे अगर आप सच में सीरियस है तो इस समय अपने goals को पूरा करने का प्रोसेस लिखिए और उस प्रोसेस को हर दिन ट्रैक कीजिए।


Colonel Sanders(KFC कंपनी के संस्थापक) पूरी जिंदगी फेल होते रहे उन्हें खाना बनाने और खिलाने का शौक था उन्होंने उन्होंने कई जॉब्स बदले कई कंपनियों में काम किया जब उन्होंने पैसे जोड़कर रेस्टोरेंट खोला तो विश्व युद्ध शुरू हो गया इस कारण भारी नुकसान हुआ उन्हें रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा इसके बाद कर्जा लेकर फिर होटल खोला तो होटल में आग लग गई colonel Sanders विचित्र किस्म के इंसान थे उनके झगड़े और लफड़े होते रहते थे। उनका अपने दोस्त के प्रति व्यवहार भी सही नहीं था इन सब कमियों के बाद भी वह सफल हुए क्योंकि उनमें हर दिन काम करने का discipline था उन्हें किसी तरह का नुकसान, एक्सीडेंट, बदकिस्मती, विचलित नहीं कर पाई जिस कारण वह केएफसी स्थापित कर पाए।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान की कमर टूट गई थी यहां की इंजीनियरिंग और प्रोडक्शन दुनिया से सबसे पीछे था। लेकिन 1975 के आते-आते जापानीस प्रोडक्ट की क्वालिटी अमेरिकन प्रोडक्ट से 5 गुना बढ़ गई यानी उन में 5 गुना कम खराबी आती थी। और बनाने का समय 3 गुना कम हो गया ऐसा क्या हुआ कि जापान की इंजीनियरिंग 30 सालों में अमेरिका से 15 गुनी आगे निकल गई इसका जवाब है kaizen। Kaizen का एक मतलब होता है लगातार गलतियां हटाते जाना जापानीस वर्कर और मैनेजर्स का एक ही गोल था गलती नहीं करनी, जो भी हो प्रोसेस बदलो, अलार्म लगाओ, दीवार पर निशान लगाओ, लेकिन हर प्रकार की गलती खत्म करो। गलती नहीं करनी, गलती नहीं करनी यह वर्कर्स के लिए चेतावनी नहीं थी बल्कि इंस्पिरेशन थी।


खुद को इंप्रूव करने के लिए आप देखते हैं कि कौन सी आदत या कमियां आपको रोक रही है और उसे पूरी तरह जड़ से मिटाना है बाकी इंप्रूवमेंट्स लाने के लिए आपको नई चीजें सीखनी पड़ती हैं इस प्रोसेस में आपको गलती हटाते जाना है ऐसा करने से आप उतने ही एफर्ट में अपनी प्रोग्रेस को कई गुना बढ़ा सकते हैं।

mark cuban कहते हैं कि मैं सिलोकोनवैली के बेस्ट इन्वेस्टर्स और मैनेजर से मिलता रहता हूं इनके पास बहुत नॉलेज होती है यह चाहे तो हिस्ट्री, पॉलिटिक्स, इकोनॉमिक्स से लेकर जीन इंजीनियरिंग पर डिबेट कर सकते हैं लेकिन इनमें एक खास बात होती है यह लोग अपने जोन में रहते हैं यानी अपनी थॉट एनर्जी बिखरने नहीं देते यह लोग गॉसिप सपोर्ट और न्यूज़ के प्रति रियेक्ट नहीं करते जिससे यह लोग एक ही प्रॉब्लम के बारे में गहराई से सोच सकते हैं इसीलिए यह लोग नए इनोवेशंस आसानी से लेकर आते हैं।

                                  डिसिप्लिन ऑफ डीप थिंकिंग कहता है कि आप चयन करो कि आपको किस सवाल का हल निकालना है फिर पूरा ध्यान उसके चिंतन पर लगा दो इस डिसिप्लिन के अभ्यास से आप खुद आश्चर्य करेंगे कि आपका सबकॉन्शियस माइंड आपको कितने प्रकार से जवाब दे सकता है इसकी सबसे अच्छी प्रैक्टिस है जब भी आपको कोई पर्सनल प्रॉब्लम मिले जो आपको लंबे समय से परेशान कर रही है तब आप उसका प्रयोग गहराई से सोचने के लिए कीजिए अगर शुरू शुरू में आपको परेशानी होती है तो लिख कर सोचना बहुत अच्छा उपाय है फर्स्ट प्रिंसिपल जैसे मेंटल मॉडल्स का प्रयोग कीजिए अगर फिर भी आप नहीं सोच पा रहे हैं तो सवाल और उसका अधूरा जवाब लिख कर छोड़ दीजिए और कुछ देर बाद आकर दोबारा कोशिश कीजिए।


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